आंगनवाड़ी वर्कर्स को सरकार का बड़ा तोहफा बोनस के साथ बढ़कर मिलेगा मानदेय

Anganwadi Workers Bonus News : देश में त्योहारी रौनक चरम पर है। नवरात्रि के बाद अब दशहरा और फिर दिवाली का उत्सव दस्तक देने वाला है। इस समय सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वालों को सबसे ज्यादा इंतजार रहता है त्योहार पर मिलने वाले तोहफों और बोनस का। सरकारें भी इस मौके पर अपने कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लेकर आती हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने इस बार आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए दिवाली का खास तोहफा घोषित किया है।

आंगनवाड़ी कर्मचारियों को 2000 रुपए का बोनस

महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने ऐलान किया कि महाराष्ट्र के सभी आंगनवाड़ी कर्मचारी और सहायिकाओं को दिवाली पर ₹2000 का बोनस मिलेगा। यह लाभ राज्य की एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के तहत कार्यरत कर्मचारियों को दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि बच्चों की देखभाल, पोषण और उनके सर्वांगीण विकास में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है। ऐसे में उनके समर्पण को देखते हुए त्योहारी सीजन पर उन्हें यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

सरकार ने 40.61 करोड़ का बजट मंजूर किया

मंत्री ने बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए 40.61 करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर दिया गया है और इसके लिए आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। यह राशि जल्द ही आईसीडीएस कमिश्नर कार्यालय के माध्यम से सभी पात्र कर्मचारियों तक पहुंचा दी जाएगी। सरकार का मानना है कि इस बोनस से त्योहारी खुशी दोगुनी होगी और कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा।

महाराष्ट्र और देशभर में कितने आंगनवाड़ी कर्मचारी

आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2023 तक महाराष्ट्र में कुल 11,00,429 आंगनवाड़ी कर्मचारी और सहायिकाएं कार्यरत हैं। वहीं पूरे देश में उनकी संख्या लगभग 14 लाख के करीब है। इसमें सबसे ज्यादा आंगनवाड़ी कर्मचारी उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं। माना जा रहा है कि यूपी सरकार भी जल्द ही कर्मचारियों के लिए दिवाली पर मानदेय बढ़ोतरी या बोनस का ऐलान कर सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही मानदेय वृद्धि की घोषणा कर चुके हैं।

गुजरात सरकार ने भी बढ़ाया वेतन

त्योहारी मौसम से ठीक पहले गुजरात से भी आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई। गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने उनका वेतन बढ़ाया है। अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 24,800 रुपए प्रतिमाह और सहायिकाओं को 20,800 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलेगा। पहले यह रकम क्रमशः 10,000 और 5,500 रुपए थी। कोर्ट ने साफ कहा कि बच्चों और समाज के लिए अहम योगदान देने वाले इन कर्मचारियों को उनकी मेहनत का उचित हक मिलना चाहिए।

Leave a Comment